| मोबाइल फोन या मुसीबत मोबाइल फोन पर किसी अपरिचित नंबर से फोन आना और फिर अश्लील बातों के साथ गाली-गलौच करना किसी भी व्यक्ति के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। वहीं अगर मामला महिलाओं से जुड़ा हो, तो फिर यह बात बहुत गंभीर हो जाती है। ऎसा ही कुछ जिला अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों के साथ हो रहा है। जहां स्टाफ नर्सो सहित डॉक्टरों और कार्यालयीन कर्मचारियों के मोबाइल पर एक अपरिचित नंबर से लगातार फोन कॉल आ रहे हैं। दूसरी ओर से बोलने वाला व्यक्ति इन लोगों के साथ अश्लील बातों सहित अपशब्द के साथ एसएमएस कर रहा है। जिसकी शिकायत सभी कर्मचारियों ने थाना कोतवाली सहित पुलिस अधीक्षक रूचि वर्घन मिश्रा से की है। जिला अस्पताल में पदस्थ लैब तकनीशियन सुरेंद्र सिंह जाटव के पास सबसे पहले मोबाइल नंबर 8878171520 से फोन आया और सामने वाले व्यक्ति ने उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए उनसे अपशब्द कहे। उसके बाद इसी नंबर से अस्पताल में पदस्थ कई स्टाफ नर्सो सहित डॉक्टरों और कार्यालयीन कर्मचारियों से अभद्रता की गई। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि कई महिला कर्मचारियों ने अपने मोबाइल तक बंद कर लिए और इसकी शिकायत अलग-अलग रूप से सिविल सर्जन को दर्ज कराई। अपने स्टाफ कर्मचारियों के साथ हुई इस घटना पर सिविल सर्जन डीपीसिंह गहरवार ने थाना कोतवाली प्रभारी सहित एसपी रूचि वर्घन मिश्रा को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है। पुलिस भी परेशान अपरिचित काल से आमजन सहित अस्पताल के कर्मचारी ही नहीं, बल्कि खुद पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी भी परेशान हैं। थाना कोतवाली में आए दिन इस तरह के दर्जनों फोन आते हैं जिनसे पुलिस कर्मचारियों के साथ ही अभद्र व्यवहार किया जाता है। इस संबंध में कोतवाली प्रभारी आरएस कुसमाकर ने बताया कि इन फोन कॉल्स से परेशान होकर ही आईडी कॉलर फोन लगाया है। ताकि संबंधित नंबरों को दर्ज कर उन पर आगे कार्रवाई की जा सके। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस ही परेशान है, तो आमजन की समस्या का हल कैसे निकलेगा। कर चुके जागरूक जिले में लगने वाले साप्ताहिक हाट-बाजार और मेलों में विभिन्न कंपनियों के एजेंट बिना परिचय पत्र के मोबाइल सिम बेचने का काम कर रहे हैं। इस तरह से खरीदी गई सिमों का उपयोग ही इस तरह के कार्योü में किया जा रहा है। पत्रिका ने नौ फरवरी को ऎसा ही एक मामला उठाते हुए पुलिस प्रशासन को जागरूक किया था। जिसमें थाना कोतवाली के सामने ही बिना परिचय पत्र प्राप्त किए संबंधित कंपनी का एजेंट सिमों को धड़ल्ले से बेच रहा था। नाकाम खुफिया तंत्र सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए एक ओर जहां मोबाइल सबसे ज्यादा उपयोग हो रहे हैं, वहीं कई मामलों का खुलासा करने में भी मोबाइल फोन कारगर सिद्ध हुए हैं। लेकिन बिना परिचय पत्र के सिम वितरण से पुलिस का असामाजिक तत्वों तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। अब तक दर्ज हो चुके हैं 46 मामले आपात कालीन सेवाओं के लिए चालू किए गए टोल फ्री 100 नंबर पर आए दिन ब्लेंक कॉल्स आते थे। जिनसे परेशान होकर कर्मचारियों ने इस नंबर को बंद कर दिया। तत्कालीन एसपी आशा माथुर ने दोबारा फोन नंबर चालू कराते हुए अभद्र व्यवहार करने वाले फोन नंबरों की सूची बनाने के निर्देश दिए। इन्हीं निर्देशों पर 46 मोबाइल नंबरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई। लेकिन उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। यदि समय रहते इस तरह के नंबरों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो मोबाइल रखने वाली महिला कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। |
मोबाइल फोन या मुसीबत
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